Menu
blogid : 18429 postid : 741143

लोकत्रंत्र ! प्रसन्नता! या दुःख ! पहले दुखी हो लें फिर भारतीय कहानियो की तरह अंत सुखद कर लेंगे. दुःख होता है जब आज के चुनाव के वास्तिक सन्दर्भ पर गौर करते है – सन्दर्भ केवल विकास, आदमी की मुलभुत सुबिधायें विजली सड़क पानी हि नहीं बल्कि धर्म और जाति भी है चुनावी सन्दर्भ नेताओ के लिए स्वच्छ प्रशाशन देने भरस्टाचार रूपी दीमक को साफ करने का नही, बल्कि सन्दर्भ है “मुझे प्रधानमंत्री बनाओ” – क्यों बनाओ, बनकर क्या कुछ अलग करेंगे, कुछ पता नही परन्तु हमें प्रधानमंत्री बनाओ. इस सूचि में केवल मोदी ही नही है सूची काफी लम्बी है जिसमे मुलायम मायावटी ममता आदि भी आते है. कभी केजरीवाल को नसीहत देने वाले अन्ना एकाएक ममता को प्रधानमंत्री बनाने लग जाते है. मुझे भी प्रधानमंत्री बनाओ प्रणव दा. मुझे भी बनाना है प्रधानमंत्री. १६ मई तक के लिए ही बना दो प्रणव दा. आपका अपना पागल प्रधान मंत्री राधे श्याम तरु प्रसन्ता यह है की जनता का मूड देखकर अन्ना दुबक जाते है प्रसन्ता यह देखकर होती है कि लोकत्रंत्र अपनी जड़ें अच्छी तरह से जमा चुका है,विगत जनरल के कथित तौर पर देलही कूच के बावजूद भारतीय लोकत्रंत्र अनवरत अपने आजादी से लेकर आज तक पैर जमायें हुए है .प्रसन्ता यह देखकर होती है कि जाति धर्म के बंधनो को काटकर भी जनता कभी कभी अच्छे उमीदवारो को सदन तक पंहुचा देती है. प्रसन्ता होती है जब ४ नहीं ६ नही ८ नही १० और १२ लेन की सड़के देखते है, भ्रस्टाचार रूपी रोग न होता तो कागज पर स्वास्थय सुभिधाएँ भी काफी अच्छी स्थिति में है. प्रसन्ता कि भारत पोलिओ मुक्त देश हो चूका है शिक्षा का स्तर न सही संख्या काफी बढ़ी है चाहे वह प्राथमिक स्तर हो या उच्चतर शिक्षा की बात हो. जन्हा एक फॉर्म भरने के लिए हज़ार बार सोचना पढता था आज संगढ़क के द्वारा ऑनलाइन और साथ हि साथ अधिकांश प्रतियोगी परीक्षायण केंद्रित और विश्विद्यालयों ने अपने प्रवेश परीक्षा केन्द्रो का काफी विस्तार करके पर्याप्त सुगम बना दिया है . जन्हा १५ वर्ष पहले एक सन्देश के लिए १५ दिनों का इंतज़ार करना पढता था आज १५ सेकंड भी इंतज़ार नही करना पढता है .आज भारत कि अधिकांश जनता के पाश दूरभाष यन्त्र है, जंहा आज़ादी के पहले यात्रा करना अतयंत दुर्गम था वंही आज रेल और सड़क के विस्तार से अति सुगम हो गया है मित्रो अब मैं आप पर ही छोड़ता हु कि आप मुझे अपने इंडिया जो कि भारत है (ऐसा संबिधान में लिखा है इंडिया ठाट इस भारत ) का प्रधानमंत्री बनाते है कि नहीं ????????????????

तरुवर फल नहि खात है ......राधे श्याम तरु
तरुवर फल नहि खात है ......राधे श्याम तरु
  • 9 Posts
  • 9 Comments

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh