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अपने जन्मदिन पर अपनी बात

तरुवर फल नहि खात है ......राधे श्याम तरु
तरुवर फल नहि खात है ......राधे श्याम तरु
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सभी सुधी पाठको और देश वासियो को मै राधे श्याम दुबे जिसे अब लोग राधे श्याम तरु के नाम से भी जानते है अपने आधिकारिक जन्मदिवस पर प्रणाम असलामअलैकुम सतश्रीकल और नमस्कार करता हूँ. यदा-कदा साहित्य, संस्कृति,विधि ,मानवाधिकार, समसामयिक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय विषयों पर लिखता और लिख कर पन्नें फाढ़ता, और कभी कभी प्रकशित भी करवाता रहा हु परन्तु अपने बारे में कभी कुछ लिखा नहीं यदि लिखा तो प्रकाशित नहीं किया परन्तु पहली बार आज अपने बारे में लिखूंगा और प्रकाशित भी करवाऊंगा.
मै बहुत दिन बाद लेखनी उठाई है, आप को लग रहा होगा कि आज मैं इस पवित्र धरा धाम पर अवतरित हुआ (आधिकारिक है) इसीलिए ? हाँ! आप सही सोच रहे है, इसलिए भी और इसलिए भी की आज जब कि मैं कमरे में बंद होकर आभासिक जन्मदिन मना रहा हूँ लगभग उसी समय इस्लामिक स्टेट इन इराक़ ऐंड अल-शाम यानी आईएसआईएस ने इराक़ में कार्यरत नर्सों के दल को छोड़ने का फ़ैसला किया है.मैं बहुत खुस हूँ . नर्सिंग बृत्ति एक ऐसी बृत्ति है जिसके बदले की भरपाई लाभार्थी कभी नही चुका पाता है. ऐसे में आंतरिक कलह में झुलस रहे इराक में चालिस नर्सो को छोड़ा जाना मेरे लिए बहुत हि उल्लास का दिन है. यथास्थितिवादी होना अच्छी बात नही है लकिन कुछ ऐसी चींजे है जो यथास्थित बनी रहे तभी अच्छी लगती है जैसे भाजपा की सभी मोर्चो पर नाकाम होते हुए भी विदेश नीति, जिसका ताजा उदारहण नर्सो की शकुशल स्वदेश वापसी के रूप में सामने है और उसके लिए मै बिदेश विभाग को बधाई देता हूँ . मैं एक हिन्दु पैदा हुआ हूँ और हिन्दु हूँ परन्तु जब मैं अपने मुस्लमान दोस्तों के साथ होता हुं तो रोज़ा का भी एहतराम करता हुं और अपने क्रिस्टियन साथियों के साथ क्रिसमस और नववर्ष भी मनाता हु. मुझे जीतनी खुशी होली और दिवाली मनाने में मिलती है उतनी ही प्रसन्नता गणतंत्रदिवस और स्वतंत्रता दिवस को मानाने में होती है ये चारो दिन एक से ही लगते है. अपने इस छोटे से जीवन में कोई अच्छा बढ़ा काम अभी तक किया नहीं और छोटे-छोटे कामो की कोई गिनती होती नही. अतः अंत में मैं अपने सभी सगे सम्बधियों और देशवासियों के साथ बसुधैव कुटम्बकम् को तहे दिल से बंदन और अभिनन्दन करता हु और अपने प्यारे छोटे नन्हे मुन्नों को प्यार और आशीर्वाद देता हूँ.
सभी ख़ुश रहे, सभी आगे बढे और बढ़ते रहें जिससे मैं भी उनके कदम ताल से ताल मिलाता चलू इन्ही शब्दों के साथ मैं अपनी लेखनी को विराम देता हूँ . जय हिन्द जय भारत!!!

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